Wednesday, September 5, 2018

तमिलनाडु: 'फ़ासीवादी भाजपा' का नारा लगाने वाली छात्रा को मिली ज़मानत

भारतीय जनता पार्टी के ख़िलाफ नारा लगाने वाली तमिलनाडु के तूतिकोरिन की छात्रा को ज़मानत मिल गई है.
सोफ़िया ने सोमवार को तूतिकोरिन एयरपोर्ट पर भाजपा अध्यक्ष तमिलइसई सौंदरराजन के सामने नारे लगाए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया था.
वो अपने मां-बाप के साथ चेन्नई से तूतिकोरिन जा रही थीं. भाजपा अध्यक्ष भी उसी हवाई जहाज से सफर कर रही थीं.
सोफ़िया हवाई जहाज़ के भीतर सौंदरराजन के कुछ दूर पर बैठी थीं. सफ़र के दौरान वो अपनी मां के साथ केंद्र सरकार की कुछ कार्रवाई की आलोचना कर रही थी.
तूतिकोरिन एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उन्होंने भाजपा को फासीवाद कहते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाए, जिसपर भाजपा अध्यक्ष और उनके कुछ लोगों ने आपत्ति जताई.स पर सोफ़िया ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला दिया, जिसके बाद भाजपा अध्यक्ष ने पुलिस ने शिकायत दर्ज कराई.
सोफ़िया के वकील अतिशय कुमार ने बीबीसी से कहा कि तमिलइसई सौंदरराजन ने सोफ़िया को माफी मांगने को कहा, जिससे उन्होंने इनकार कर दिया.
गिरफ़्तार किए जाने के बाद सोफिया ने आरोप लगाया कि भाजपा अध्यक्ष के लोगों ने उनके साथ ग़लत व्यवहार किया.
सोफ़िया को पहले महिला जेल भेजा गया. वहां उन्हें पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाया गया.
तूतीकोरिन एयरपोर्ट से बाहर रिपोर्टरों से बात करते हुए तमिलइसई सौंदरराजन ने कहा कि उन्हें शक है कि उस लड़की के पीछे कोई संगठन है.
डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने गिरफ़्तारी के मामले की आलोचना की थी और एक ट्वीट में उन्हें तुरंत छोड़े जाने की मांग की थी.
उन्होंने ट्वीट किया, "ऐसा कहने वाले लोगों को गिरफ़्तार करना है तो आप कितने लाख लोगों को गिरफ़्तार कर पाएंगे? मैं भी यह कहता हूं- भाजपा के फासीवाद शासन का अंत हो."
सोफिया कनाडा में शोध की छात्रा हैं. कई भारतीय वेबसाइट उनके विचारों को प्रकाशित करती हैं.
सोफिया और भाजपा अध्यक्ष के बीच हुई तीखी बहस की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और इस संदर्भ में कई ट्वीट भी किए जा रहे हैं.मेरे लिए इसके बहुत ज़्यादा मायने नहीं थे. जो सोशल मीडिया पर एक बहुत बड़ा मुद्दा बन गया. ड्यूटी पर मैं जब भी उन्हें (अपनी बेटी) देखता हूं सलाम करता हूं, लेकिन घर पर हम दोनों बाप-बेटी होते हैं.''
ये शब्द उस पिता के हैं जिनकी बेटी को सैल्यूट मारने की कहानी बीते रविवार से सोशल मीडिया पर वायरल है.
दरअसल, कहानी सुनने में बहुत सपाट है, लेकिन पढ़ने पर हर किसी को बाप-बेटी की इस जोड़ी पर फ़ख्र महसूस हो रहा है.
एक पिता हैं जो डीसीपी हैं और बेटी एसपी. ये परिवार तेलंगाना का है. रदेश के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव रंगारेड्डी ज़िले के कोंगराकलां गांव में एक सितंबर को एक कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे थे.
पिछले 10 दिनों से पड़ोसी ज़िले के सभी पुलिस अधिकारियों को मुख्यमंत्री की सभा के लिए बंदोबस्त में लगा दिया गया था. उमामहेश्वर सर्मा मलकानगिरि के डीसीपी हैं, इसलिए उनकी भी ड्यूटी वहां लगी थी.
उस प्रोग्राम में महिला गैलरी की ज़िम्मेदारी एसपी सिंधु सर्मा को दी गई थी.
उनके पिता डीसीपी को भी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी दी गई थी.
उस सभा में एक वक़्त ऐसा आया, जब डीसीपी पिता का सामना एसपी बेटी से हुआ. फिर क्या था.
वर्दी पर लगे सितारों के मुताबिक और प्रोटोकॉल का सम्मान करते हुए तुरंत डीसीपी ने एसपी को सैल्यूट किया.
लेकिन मौक़े पर मौजूद कैमरों और पत्रकारों के बीच ये पूरा वाकया 'बेटी को पिता का सैल्यूट' बन कर सामने आया. स पूरे मामले पर पिता उमामहेश्वर सर्मा ने बीबीसी से बात की. उस पल के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, "उस प्रोग्राम में डीसीपी होने के कारण मेरी सिक्योरिटी में ड्यूटी लगी थी क्योंकि सीएम आने वाले थे. बेटी वहां पहले से पहुंची हुई थी. उनके सामने आते ही मेरा हाथ सैल्यूट के लिए उठ गया. इस बारे में हमने कभी सोचा नहीं, न कभी बात की. वो पल था जो बस बीत गया.''
डीसीपी उमामहेश्वर सर्मा कहते हैं कि ''हम दोनों ही अपनी ड्यूटी कर रहे थे. लेकिन हमें नहीं पता था कि ये पल कोई रिकॉर्ड भी कर रहा है. जब हम सामने आए तो हमने ध्यान भी नहीं दिया कि सामने बेटी है. वो मुझसे वरिष्ठ अधिकारी हैं, वो आईपीएस हैं और मैं डीसीपी तो मुझे उन्हें सैल्यूट करना ही था."
एक पिता के लिए ये पल बहुत ही गर्व करने वाला होता है. हर पिता की ख़्वाहिश होती है कि उन्हें उनके बच्चों के नाम से जाना जाए.

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