Monday, May 27, 2019

شركة فيات كرايسلر الإيطالية للسيارات تسعى للاندماج مع رينو الفرنسية

أعلنت شركة فيات كرايسلر الإيطالية للسيارات أنها تقدمت لشركة رينو الفرنسية بمقترَح دمج "تحويلي".
وسيكون الكيان الناتج عن دمج الشركتين مملوكا بالتساوي بين مساهمي فيات ورينو (50 -50).
وقالت فيات كرايسلر إن الدمج كفيل بإنتاج كيان قائد لصناعة السيارات عالميا، بطرح 8.7 مليون سيارة للبيع.
وتواجه شركات صناعة السيارات ضغوطا لترسيخ أقدامها وسط تقلبات كبرى تشهدها الصناعة، بما في ذلك التوجه صوب المركبات الكهربائية.
وقالت فيات في بيان لها إن الدمج المقترح كفيل بأن يتمخض عن "قائد عالمي في مجال صناعة السيارات الذي يشهد تحولا بوتيرة سريعة، قائد يتمتع بمكانة قوية على صعيد الصناعات التحويلية، بما في ذلك كهربة المركبات والقيادة الذاتية".
وقالت فيات إنه لو تم جمع النتائج المالية للشركتين لعام 2018 فسيناهز إجمالي العائدات السنوية 170 مليار يورو، بربح تشغيلي يزيد عن 10 مليارات يورو، وصافي ربح يتجاوز ثمانية مليارات يورو.
وتشهد صناعة السيارات تحولا صوب النموذج الكهربائي، جنبا إلى جنب مع التزام أكثر بمعايير الحدّ من الانبعاثات وتطوير التقنيات الحديثة على صعيد المركبات ذاتية القيادة، على نحو وضع ضغوطا متزايدة على شركات صناعة السيارات مما دفعها إلى البحث عن ترسيخ أقدامها.
وتتحالف رينو بالفعل مع نيسان اليابانية، حيث تتقاسمان تكلفة البحث والأسهم. كما تمتلك كل شركة من الشركتين أسهما في الأخرى. وتمتلك رينو 43.4 في المئة من أسهم نيسان، بينما تمتلك نيسان 15 في المئة من أسهم رينو.
وينتظر الرئيس التنفيذي السابق لشركة نيسان، كارلوس غصن، محاكمةً عقب اعتقاله للمرة الرابعة وسط اتهامات بإساءة السلوك المالي.
وتمثل تلك الاتهامات ضغطا على التحالف الذي دام عشرين عاما، والذي يضم شركة ميتسوبيشي موتورز اليابانية.
وثمة منافسون جدد في قطاع المحركات، كشركة تِسلا، إضافة إلى شركات غنية بالأموال النقدية تقوم على تطوير تقنية القيادة الذاتية كشركتي أمازون و"وايمو" المملوكة لغوغل، هؤلاء المنافسون يضعون ضغوطا على شركات صناعة السيارات الأقدم والمثقلة عادة بالديون لكي تستمر.
فاز المخرج الكوري الجنوبي، بونغ جون-هو، بأرفع جائزة في مهرجان "كان" للأفلام.
ومنحه المهرجان جائزة السفعة الذهبية عن فيلمه "طفيلي"، وهو كوميديا سوداء تستكشف تفاعل العلاقات بين الطبقات الاجتماعية.
وبونغ هو أول مخرج كوري يفوز بالسعفة الذهبية. ولكنه شارك في المهرجان من قبل، وعرض له فيلم "أوكجا"، الذي كان مثيرا للجدل نوعا ما، في 2017، وهو من إنتاج شركة نيتفليكس.
وهذا هو العام الثاني الذي لا يعرض فيه أي فيلم من إنتاج نيتفليكس، في الوقت الذي ما زالت تجري فيه محادثات بين الشركة العملاقة ومهرجان "كان"، الذي يعترض على تخصصها في عرض الأفلام على الإنترنت وليس في صالات السينما.
واختتم المهرجان دورته بعد 11 يوما من مراجعة ومشاهدة عدد من الأفلام الجديدة، والأفلام الوثائقية.
وشهد المهرجان حصول المخرجة الفرنسية-السنغالية، ماتي ديوب، على الجائزة الكبرى التي تمنحها لجنة تحكيم المسابقة الرسمية، وتعادل الجائزة الفضية. وهذه هي أول مره تحصل فيها مخرجة سوداء على جائزة خلال سنوات المهرجان الـ72.
وحصلت ديوب على الجائزة عن فيلم "أتلانتيكس"، وهو دراما سنغالية تعالج موضوع المهاجرين الشباب، والسياسات المتعلقة بالعلاقة بين الرجل والمرأة.
وكان من بين الفائزين في حفل الاختتام، إميلي بيتشام، التي تحمل جنسية مزدوجة بريطانية-أمريكية، والتي حصلت على جائزة أفضل ممثلة عن دورها في فيلم "جو الصغير "، وهو قصة خيال علمي ذات صبغة سيكولوجية، تدور حول امرأة تثير رائحتها النشوة.
أما جائزة أفضل ممثل فحصل عليها أنتونيو بانديراس عن دوره في فيلم "ألم ومجد"، الذي يروي قصة مخرج فيلم يواجه أزمة منتصف العمر، في الوقت الذي يعاني فيه من مشكلة في الإبداع.
وحصلت سيلين سياما على جائزة أفضل سيناريو عن فيلم "لوحة بورتريه لسيدة تحترق"، وهو قصة رومانسية عن علاقة رسام شاب والشخصية التي يرسمها.
وحصل الأخوان البلجيكيان، جان-بيير، ولوك داردين، على جائزة أفضل إخراج عن فيلمهما "الصبي أحمد"، الذي يدور على قصة صبي انجرف إلى التشدد وطعن معلمه.
أما جائزة لجنة التحكيم فمنحت مناصفة للفيلم البرازيلي "باكورو"، الذي أخرجه كليبر ميندونسا فيلو، وجوليانو دورنيلز. وتتابع قصته منتج أفلام يسافر إلى قرية نائية، ويكتشف أسرارها السوداء الخفية، والفيلم الفرنسي البؤساء للمخرج الفرنسي المنتمي إلى أصول إفريقية لادج لي.
وحصل فيلم المخرج الفلسطيني، إيليا سليمان، "لابد أنها الجنة" على تنويه خاص من لجنة تحكيم المسابقة الرسمية للمهرجان.

Tuesday, May 14, 2019

मीना ने कहा था, मिल रही हैं धमकियां

मीना मंगल ने कुछ वक्त पहले ही फेसबुक पर एक पोस्ट किया था कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं और उनकी जान को खतरा है. एक प्रमुख महिला अधिकार कार्यकर्ता ने ट्वीट कर ये बताया है.
मीना मंगल की मौत ने काबुल को हिलाकर रख दिया है.
कुछ लोगों का कहना है कि अफगानिस्तान में महिलाओं के खिलाफ सबसे हाइ-प्रोफाइल अपराध राजधानी काबुल के सबसे भीड़भाड़ वाले इलाकों और सबसे सुरक्षा वाले इलाकों में होते हैं.
एक महिला अधिकार कार्यकर्ता वज़मा ने लिखा, "एक महिला को दिन दहाड़े मार दिया जाता है, क्योंकि एक मर्द को लगता है कि उसे मर जाना चाहिए."
जहां मीना की हत्या हुई, वो एक भीड़भाड़ वाला इलाका था और घटनास्थल के नज़दीक ही पुलिस भी तैनात थी. फिर भी लगता है कि हमलावर घटनास्थल से बहुत आसानी से निकल गए.
कई कामकाजी महिलाओं ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए ज़रूरी कदम उठाए जाने की मांग की है.
टीवी प्रेज़ेंटर के तौर पर मीना मंगल कई सांस्कृतिक कार्यक्रम होस्ट करती थीं. इसके अलावा उनका एक प्रोग्राम महिलाओं की सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ था.
फेसबुक की अपनी आखिरी पोस्ट में मीना ने उन लोगों के खिलाफ नाराज़गी ज़ाहिर की थी, जो "महिलाओं को दबाते हैं और उन्हें मारने की धमकी देते हैं."
अफ़ग़ान अटॉर्नी जनरल के ऑफिस के एक प्रवक्ता जमशीद रसूली ने बीबीसी को बताया कि मीना दो साल पहले अपने पति से अलग हो गई थीं. उनके परिवार ने घरेलू हिंसा की शिकायत भी दर्ज कराई थी.
उन्होंने कहा कि मामले को पारिवारिक हिंसा से जुड़ी अदालत में रेफ़र कर दिया गया था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था.
पुलिस मामले की जांच कर रही है. फिलहाल पुलिस ने किसी संदिग्ध को नहीं पकड़ा है.
मीना मंगल के पिता ने बीबीसी से कहा, "एक पारिवारिक विवाद की वजह से मैंने एक होशियार बेटी को खो दिया. मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि वो मेरी कामकाजी बेटी को क्यों नहीं बचा पाए. मेरी उनसे अपील है कि वो मेरी बाकी बेटियों और दूसरी महिलाओं की रक्षा करें, जो अपने घर से निकलती हैं और समाज के लिए काम करती हैं."
इस हत्या ने अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा की ओर ध्यान आकर्षित किया है.
पांच बच्चों की मां ब्रेसना ने कहा कि वो "काबुल में पढ़ने और काम करने वाली अपनी बेटियों के लिए बहुत डरती हैं."
न्होंने कहा, "रोज़ अपने घर से निकलने वाली कामकाजी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं."
ये हत्या ऐसे वक्त में हुई है जब अफ़ग़ानिस्तान की महिलाओं को डर है कि तालिबान चरमपंथियों से किसी भी तरह का शांति समझौता मुश्किल से हासिल हुए उनके अधिकारों और आज़ादी को खतरे में डाल सकता है.
तालिबान चरमपंथी शांति समझौते के लिए अमरीका से बातचीत कर रहे हैं.
अधिकार समूहों ने लिंग-आधारित हिंसा के मामलों की फेहरिस्त तैयार की है. इनमें से कई मामले तालिबान के प्रभाव वाले इलाकों के हैं.
अंतरराष्ट्रीय एनजीओ रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर ने अफगानिस्तान को 2018 में पत्रकारों के लिए सबसे ख़तरनाक देश के तौर पर सूचीबद्ध किया है.
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